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आहटों के राज़
राह-ए-उल्फ़त में किसी के आने का एहसास
ज़ेहन में होता रहा किसी के संग का विश्वास
जान लिया मैंने तो अब उस आहटों के राज़
कानों में गूँजता रहा उसके बोली की मिटास
आ गया नींद मुझें बड़ी मुश्किल से मेरी जान
चाहता रहा मिलन को और ख़्वाब देखा ख़ास
बहूत ख़ूब था मेरे चेहरे पर ख़ुशी की मुस्कान
जब नींद खुली तन्हा पाकर मैं रह गया उदास
जान गया मैं सब है अक्स-ए-इश्क़ का कमाल
जहाँ देखूँ, वो ही दिखे ऐसा होता रहा आभास
© Raj
#shreerajmenon
ज़ेहन में होता रहा किसी के संग का विश्वास
जान लिया मैंने तो अब उस आहटों के राज़
कानों में गूँजता रहा उसके बोली की मिटास
आ गया नींद मुझें बड़ी मुश्किल से मेरी जान
चाहता रहा मिलन को और ख़्वाब देखा ख़ास
बहूत ख़ूब था मेरे चेहरे पर ख़ुशी की मुस्कान
जब नींद खुली तन्हा पाकर मैं रह गया उदास
जान गया मैं सब है अक्स-ए-इश्क़ का कमाल
जहाँ देखूँ, वो ही दिखे ऐसा होता रहा आभास
© Raj
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