सफ़र
खूबसूरत लम्हों से
लबरेज़ ये जिंदगी
आज सब कुछ है
तो कल धूल भी
दुखों के उफान में
कुछ तिनके सुकून
आज है और अभी
कल मुठ्ठी अगर बंद
तो फिसलती हुई रेत
जो है आज अभी अब
न सुबह का आगाज है
न शाम का कोई ठिकाना
बस एक हसीन सफ़र
जो मुझसे तुम तक है
© "the dust"
लबरेज़ ये जिंदगी
आज सब कुछ है
तो कल धूल भी
दुखों के उफान में
कुछ तिनके सुकून
आज है और अभी
कल मुठ्ठी अगर बंद
तो फिसलती हुई रेत
जो है आज अभी अब
न सुबह का आगाज है
न शाम का कोई ठिकाना
बस एक हसीन सफ़र
जो मुझसे तुम तक है
© "the dust"