“मेरा पुराना घर”
दरो दीवार भी अब
देखते हैं
बड़ी हैरत से
जब मैं लौट आऊँ
मुझे ये जानते हैं
या कि फ़िर ये
भूल बैठे
नज़र में सब नज़ारे
घूमते हैं
मैं ठहरूँ या
अभी ही लौट जाऊं
मेरे अहसास मुझसे
पूछते हैं
थे सब मानूस...
देखते हैं
बड़ी हैरत से
जब मैं लौट आऊँ
मुझे ये जानते हैं
या कि फ़िर ये
भूल बैठे
नज़र में सब नज़ारे
घूमते हैं
मैं ठहरूँ या
अभी ही लौट जाऊं
मेरे अहसास मुझसे
पूछते हैं
थे सब मानूस...