58 views
उसी राह पर चल दिया...🔥
इस मंजिल के मुक्क्दर में अगर चलना ही लिखा है
तो क्यूँ ना मुसाफ़िर ही बना जाये....
राहे लम्बी है तो क्या हुआ अब रेगिस्तान ही नापा जाए
सुना है.......
बंजर राहो में शब्द दबे होते हैं
अब मुसाफ़िर बन ही गये है तो क्यूँ ना शब्दों को ही ले जाया जाए...
रेगिस्तान से कह देना गुस्ताख नहीं है हम
जख्मी मुसाफ़िर आये थे
अपनी राह साथ ले गये।
Bitter truth
© #Jiya...🖤
तो क्यूँ ना मुसाफ़िर ही बना जाये....
राहे लम्बी है तो क्या हुआ अब रेगिस्तान ही नापा जाए
सुना है.......
बंजर राहो में शब्द दबे होते हैं
अब मुसाफ़िर बन ही गये है तो क्यूँ ना शब्दों को ही ले जाया जाए...
रेगिस्तान से कह देना गुस्ताख नहीं है हम
जख्मी मुसाफ़िर आये थे
अपनी राह साथ ले गये।
Bitter truth
© #Jiya...🖤
Related Stories
53 Likes
5
Comments
53 Likes
5
Comments