...

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गुजरना छोड दिया अब किसी की गली से ❤️‍🩹❤️‍🩹
21 वीं सदी में शब्दों के मायने बदलने लगे हैं,
किसी जिस्म को होठों से छूने को वो मोहब्बत समझने लगे हैं,

महकता हुआ गुलाब मुरझा जायेगा चमन
में ही कहीं,
कांटों की बेल को ही वो अब गुलाब समझने लगे हैं,

तय है ना जनाजा निकलेगा मेरा भी किसी शहर से,
पर जिंदा होते हुए भी वो मुझे मुर्दा समझने लगे हैं,

पहले फिर भी नींद की गोलियां ले कर सो जाया करता था रातों को,
अब आँखे मूँद लेने की कीमत मेरे सपने समझने लगे हैं,

गुजरना छोड़ दिया अब किसी की भी गली में मैंने,
जब से मेरे साथ को वो मजबूरी समझने लगे हैं
© सौ₹भmathu₹