...

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थकी अखियां
थकी अखियां रहीं पथ निहार,
कैसे कहूं तुम बिन
क्या है तेरे अपनों का हाल..?
अम्मा तेरी पल पल तुझे रहीं पुकार..!!
आ जा ओ परदेशी
प्रेयसी तेरी बाट रही निहार ....!!
सुना मन का कोना कोना,
तुम बिन सुनी है घर द्वार
आम बगान में कुहूके जब कोयल,
आती है बहुत प्रीतम तेरी याद...!!
बिरह गीत गाती जब कजरी ,
हिय में उठे मोरा ज्वार....!!
नैनन से मोती झरे बन के अश्रुधार..!!
स्वप्न सलोना नन्हा मुन्ना,
पुछे बारंबार
कब आएंगे पापा अम्मा,
लेकर सुंदर खिलौने उपहार..!!
आशा भरी इन अंखियों को,
अब क्या दूं मैं जबाब....??
ना कोई चिट्ठी ना देते हो तार..!!
किरण