हंसते ज़ख़्म
मिट गए हम तो हंसते हंसाते हुए
थक गए जख्म भी मुस्कुराते हुए
जंहा हर तरफ गम का बाज़ार है
वहीं तुम मिल गए मुस्कुराते हुए
एक वहीं डोर हमसे ना तोड़ी गई
एक वहीं आस दिलसे ना छोड़ी गई,
छूटे तुम छूटा सब उसी मोड़ पर
एक...
थक गए जख्म भी मुस्कुराते हुए
जंहा हर तरफ गम का बाज़ार है
वहीं तुम मिल गए मुस्कुराते हुए
एक वहीं डोर हमसे ना तोड़ी गई
एक वहीं आस दिलसे ना छोड़ी गई,
छूटे तुम छूटा सब उसी मोड़ पर
एक...