...

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आत्म सम्मान
इज़्जत किया करो उसकी,,
जो अपना सब कुछ छोड़ कर तुम्हारे साथ चल दी,,
एक खुशनुमा जिंदगी की आस में,,
उसने ना कभी कोई ख्वाइश की तुमसे,,
ना कभी किसी चीज का हक मांगा तुमसे,,,
बस मन में एक चाह लिए वो आई थी,,
अपने घर आंगन की दहलीज लांग कर,,
कि उसे भी कोई समझेगा,, उसे जानेगा,,
उसकी हर ख्वाइश पूरी करेगा,,,
मगर होता तो कुछ अलग ही है,,
ना वो समझता है और ना ही जानने की कोशिश करता है,,,
कि आखिर एक औरत अपने जीवन में चाहती क्या है,,
वो कोई इस्तेमाल का सामान नहीं,,एक जीता जागता इंसान है,,,
उसकी भी कोई ख्वाइश है ,,,उसके भी कुछ अरमान है,,,वो भी हंसना चाहती है,,,
अपने मन का करना चाहती है,,,
ये सब तुम ना भी कर सको,,तो बस इतना तो कर ही देना,,,
उसे इज़्जत ज़रूर देना।।🙏🙏