आत्म सम्मान
इज़्जत किया करो उसकी,,
जो अपना सब कुछ छोड़ कर तुम्हारे साथ चल दी,,
एक खुशनुमा जिंदगी की आस में,,
उसने ना कभी कोई ख्वाइश की तुमसे,,
ना कभी किसी चीज का हक मांगा तुमसे,,,
बस मन में एक चाह लिए वो आई थी,,
अपने घर आंगन की दहलीज लांग कर,,
कि उसे भी कोई समझेगा,, उसे...
जो अपना सब कुछ छोड़ कर तुम्हारे साथ चल दी,,
एक खुशनुमा जिंदगी की आस में,,
उसने ना कभी कोई ख्वाइश की तुमसे,,
ना कभी किसी चीज का हक मांगा तुमसे,,,
बस मन में एक चाह लिए वो आई थी,,
अपने घर आंगन की दहलीज लांग कर,,
कि उसे भी कोई समझेगा,, उसे...