कही घुमशुदा
कही घुमशुदा हो जाऊ, मैं इन वादियों में, इन फूलों की पंखुड़ियों मैं,
इस प्रकृति के रंग में रंग जाऊ,
बस ये हवा की तरह टहलती रहुं जगहों पे और फिर से आके बस जाऊ,
अपने आप...
इस प्रकृति के रंग में रंग जाऊ,
बस ये हवा की तरह टहलती रहुं जगहों पे और फिर से आके बस जाऊ,
अपने आप...