#18 February 2020#Bus incident
आज सुबह उम्मीद और उमंगों से उठा था मै..
ना जाने क्या सोच जगा था मैं..
समय की तेजी में समान अपना रखा था..
कहीं कुछ भूल ना जाऊं..
पलट के पन्नों को मै पढ़ रहा था..
कुछ फैली किताबे मैंने यूंही छोड़ दी थी..
मां की गरम चाय भी बस आधी कप ही पी थी..
भागा भागा सा छुके पाव...
ना जाने क्या सोच जगा था मैं..
समय की तेजी में समान अपना रखा था..
कहीं कुछ भूल ना जाऊं..
पलट के पन्नों को मै पढ़ रहा था..
कुछ फैली किताबे मैंने यूंही छोड़ दी थी..
मां की गरम चाय भी बस आधी कप ही पी थी..
भागा भागा सा छुके पाव...