जुदाई
चाहा भी, चाहा भी हीं,
कहता हूँ भूला दिया
मगर सच पूछो तो
मैं उसे कभी भुला पाया ही नहीं
रोकना चाहता था,रोक न सका
तुमसे इतनी महोब्बत की इस दिल ने
फिर और किसी पे आया ही नहीं
इस कदर...
कहता हूँ भूला दिया
मगर सच पूछो तो
मैं उसे कभी भुला पाया ही नहीं
रोकना चाहता था,रोक न सका
तुमसे इतनी महोब्बत की इस दिल ने
फिर और किसी पे आया ही नहीं
इस कदर...