गुड़िया पापा की
ना खैर ना खबर थी
इस दुनिया दारी की।
मैं तो बस बनके रही
गुड़िया अपने पापा की।।
हर कदम पर जिसने की
रक्षा मेरे ख्यालों की।
कुछ भी ना मैं बन पाती आज
ये है जीत उनके त्यागों की।
मैं तो बस बनके रही
गुड़िया अपने...
इस दुनिया दारी की।
मैं तो बस बनके रही
गुड़िया अपने पापा की।।
हर कदम पर जिसने की
रक्षा मेरे ख्यालों की।
कुछ भी ना मैं बन पाती आज
ये है जीत उनके त्यागों की।
मैं तो बस बनके रही
गुड़िया अपने...