बिछड़ना ही था
हम समझें जिसे मोहब्बत, वो नशा निकला
वक़्त के किसी करवट पे, नशा उतरना ही था
की जितने भी करीब हो जाओ किसी के तुम
गर दिल मे नहीं...
वक़्त के किसी करवट पे, नशा उतरना ही था
की जितने भी करीब हो जाओ किसी के तुम
गर दिल मे नहीं...