...

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खुशबू
हर तरफ़ है ज़िंदगी आज बिखरी हुई।
लोगों में नफ़रत क्यों है अकड़ी हुई।।

नज़रें उठा के देखो तो ज़रा .....
कैसे गुज़रेगी ज़िंदगी ऐसे अकड़ी हुई।।

पेड़ों की डालियों को देखो एक दूसरे से है जुड़ी हुई ।
जिसकी जड़ें मज़बूत हों तो खिलेगी फुल पत्ते भी निखरी हुई।।

चलें हम फैलाते जाएं अगर मिट्टी की खुशबू।
तो क़सम उस रब की, ज़िंदगी भी होगी निखरी हुई।।
#writeco #mereqalam.
#mitti #mereahsaas.
#mahjabeentabassm.