...

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काश!
जो हनेरे च न दिसे
फिर वी हर पल नाल रहे
काश ! मैं ओहदी परछाई बनजा!

सामने रहके वी हमेशा गुम रहिंदा ओ
काश में ओहदी सोचा दी गहराई बनजा!

पता नी की लिखदा रहिंदा ओ?
नाल मैं वी रहागी ओहदे हर पल
काश! मैं ओहदे हरफा दी पहचान बनजा!

बिन मंगे ही मिल जाए ओहनू
काश! ऐसी मैं सलाह बनजा!

ला देवा किनारे ओहदी जिंदगी नू
काश! ऐसी मैं मलाह बनजा!

ओहनू मिलदा आ सकूं जीहनू पढ़ के!
काश! मैं ओ किताब जा!

सारे लेखे जोखे ओहदे
मुक जान आ मेरे ते!
काश! मैं ओहदी जिंदगी दा ओ हिसाब बनजा!


© Old_Soul