...

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यहाँ नहीं हम वहाँ मिलेंगे💜💜❣️❣️😇
यहाँ नहीं हम वहाँ मिलेंगे,
जहाँ धरती और आसमां मिलेंगे,❣️❣️
जहाँ तुम्हारी मर्यादाएं तुम्हें रोक ना सकेगी,
मेरे कर्तव्य सारे पूरे हो चुकेंगे,🙄🙄

जब राख बनाके मुझे गंगा में बहा दिया जायेगा,
फिर बहते बहते किसी किनारे पे,
प्रतीक्षा करेगी मेरी अस्थियां,🤔🤔🤔
फिर एक दिन जब तुम दुनिया छोड़ दोगी,
भस्म बन के गंगा की लहरें ओढ़ लोगी,😌😌

और एक दिन गंगा की लहरें ,
बहा के ले आयेगी तुम्हें भी उसी तट,
बिलकुल मेरे निकट,🤗🤗
और उस दिन समाप्त होगी प्रतीक्षा की घड़ियां विकट,🙄🙄

और अनंत समय की गहराइयों में,
मेरी भस्म से मिल जायेगी तुम्हारी राख,
और चल पड़ेंगे हम उस अंतहीन सफर पर,
जिसका नाम है मोक्ष,🤔🤔🤔❣️

हाँ पूछेंगे तब भी ये लोग ,
मरने के उपरांत भी मुझमें जीवित है वासना,
तभी तो स्त्री की कर रहा था प्रतीक्षा ,
तो कैसे मिलेगा मोक्ष,

तो स्त्री और पुरुष तो जब तक ही है कोई,
जब तक है जीवन,
उसके बाद तो आत्मा है ,
और हमारा प्रेम आत्मीय है.❣️❣️
जो सांसारिक संबंधों से परे है,



जो भी हो हम मिलेंगे जरूर,❣️❣️
अंत के उपरांत अनंत तक साथ चलने के लिए❤️❤️


(अब कम से कम मिल लेना बाद में तो भगवान से सेटिंग है मेरी तुम्हें भी मोक्ष दिलवा दूंगा😇😇😇🤣🤣🤣)



© सौ₹भmathu₹