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लंबे बालों वाली लड़की
सूखी नदी किनारे गांव था
बेहद पानी का अकाल था
एक सुंदर बालों वाली लड़की थी
एक दिन नदी किनारे खेल रही थी
खेल-खेल में, गाजर के
एक पौधे को उखाड़ दिया
पौधे की जड़ों से विशाल झरने ने आकार लिया
झरने के पानी से सूखी नदी भी छलछलाई
छाई हरियाली और गांव में खुशियां लौट आईं
लेकिन गांव में एक राक्षस था क्रूर
ताकत के नशे में चूर
बोला सजा मिलेगी तुझे बराबर
"ओ लड़की मगरूर"
राक्षस की धमकी से
डरी-सहमी बच्ची वो मजबूर
नदी के तट पर रो रही थी
तभी नदी से निकला एक नूर
ग्राम देवी प्रकट हुई थीं
बोली बस कर बिटिया रानी
बालों की बस बलि दे दो
जान नहीं पड़ेगी तुझे गवांनी
लड़की के पुतले पर देवी ने
सच के सुंदर बाल सजाए
गुस्से में राक्षस आया
असली-नकली समझ ना आए
अब लड़की ने भी खुशी-खुशी
आंगन में खुशियों के दीप जलाए
अच्छे लोगों की मदद को ईश्वर सदैव आ जाते हैं
आओ बच्चों अच्छे कर्मों से,
हम उनको मनाते हैं।
- नेहा मिश्रा "प्रियम"
20/10/2020
note: बचपन में दादी-नानी से ये कहानी सुनी थी।
कलम उठाने के शुरुआती कुछ महीनों में उसे ही पद्य/ लयात्मक रुप देने की एक कोशिश की थी।
© Neha Mishra "प्रियम"
बेहद पानी का अकाल था
एक सुंदर बालों वाली लड़की थी
एक दिन नदी किनारे खेल रही थी
खेल-खेल में, गाजर के
एक पौधे को उखाड़ दिया
पौधे की जड़ों से विशाल झरने ने आकार लिया
झरने के पानी से सूखी नदी भी छलछलाई
छाई हरियाली और गांव में खुशियां लौट आईं
लेकिन गांव में एक राक्षस था क्रूर
ताकत के नशे में चूर
बोला सजा मिलेगी तुझे बराबर
"ओ लड़की मगरूर"
राक्षस की धमकी से
डरी-सहमी बच्ची वो मजबूर
नदी के तट पर रो रही थी
तभी नदी से निकला एक नूर
ग्राम देवी प्रकट हुई थीं
बोली बस कर बिटिया रानी
बालों की बस बलि दे दो
जान नहीं पड़ेगी तुझे गवांनी
लड़की के पुतले पर देवी ने
सच के सुंदर बाल सजाए
गुस्से में राक्षस आया
असली-नकली समझ ना आए
अब लड़की ने भी खुशी-खुशी
आंगन में खुशियों के दीप जलाए
अच्छे लोगों की मदद को ईश्वर सदैव आ जाते हैं
आओ बच्चों अच्छे कर्मों से,
हम उनको मनाते हैं।
- नेहा मिश्रा "प्रियम"
20/10/2020
note: बचपन में दादी-नानी से ये कहानी सुनी थी।
कलम उठाने के शुरुआती कुछ महीनों में उसे ही पद्य/ लयात्मक रुप देने की एक कोशिश की थी।
© Neha Mishra "प्रियम"
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