गुनाहों का डर
बेशर्म है यह क्यों कर नहीं आती?
आती थी रात भर अब नहीं आती
मौत का दिन इक मुतायन है यार।
अब नींद रात...
आती थी रात भर अब नहीं आती
मौत का दिन इक मुतायन है यार।
अब नींद रात...