...

6 views

गुनाहों का डर
बेशर्म है यह क्यों कर नहीं आती?
आती थी रात भर अब नहीं आती

मौत का दिन इक मुतायन है यार।
अब नींद रात भर क्यों नहीं आती।

बहुत प्यारी है बहुत चाहा इसको।
एक खौफ देखकर इधर नहीं आती।

गुनाहों की गठरी दिखी सर पर रखे।
यही वो बात है की ये घर नहीं आते।
© abdul qadir