अफ़साने
खुशबू जैसे लोग मिलें अफ़साने में ,
एक पुराना खत खोला अनजाने में ,
न जाने किसका जि़क्र हैं अफ़साने में ,
दरद मजे लेता है जो दुरहाने में ,
शाम...
एक पुराना खत खोला अनजाने में ,
न जाने किसका जि़क्र हैं अफ़साने में ,
दरद मजे लेता है जो दुरहाने में ,
शाम...