कौन हो तुम मेरे...
कौन हो तुम मेरे ...
एक झूठी तस्सली खुद को क्यू दे…
की तुम मेरे हो,
एक झुठी ख्वाहिशें क्यू जगाए,
की तुम मेरे हो…
हर बार ये पूछ कर खुद को तकलीफ क्यू दे,
की कौन हो तुम मेरे,
हर दफ़ा एक एहसास क्यो दिलाये…
जब मै कोई हूं ही...
एक झूठी तस्सली खुद को क्यू दे…
की तुम मेरे हो,
एक झुठी ख्वाहिशें क्यू जगाए,
की तुम मेरे हो…
हर बार ये पूछ कर खुद को तकलीफ क्यू दे,
की कौन हो तुम मेरे,
हर दफ़ा एक एहसास क्यो दिलाये…
जब मै कोई हूं ही...