...

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"आज मां भारती मेरे घर आई"
आज माँ भारती मेरे घर आई
चरणों में मैने झट डुबकी लगाई
बोली देश का क्या हाल बना रखा है भाई
सोने की चिड़िया दी थी वो तो बेच ही खाई
लेकिन जो नन्ही नन्ही गुडिया दे रखी हैं
उन्हें न नोचो मत बनो कसाई

कहते ही उसकी आँखे लबलबाई
मेरी भी आँख भर आई बोला,मैं क्या कर सकता हूँ माई??
बोली,,अनशन कर,धरणा दे,मजबूर कर सरकार को,मिलोड को,कठोर कानून बनवा,याद कर जरा राखी बंधी कलाई ,जब एक बंदर दुशमन देश के लिये अनशन कर सकता है... एक दमे का मरीज नाटक कर धरना दे निर्भयता से मुख्यमंत्री बन सकता है,तो तू क्या बहन बेटियों के लिये नहीं लड सकता एक लडाई ..कहते ही...