तक़लीफ़
तकलीफ़ तो होती है
तेरे ना आने की
मुझसे यूँ रूठे रहने की,
तू बता कैसे हम मनाए ख़ुद को
ख़ता अपनी क्या बताए ज़माने से
क्यों खोया हमने जो अजीज़ हमसे,
फ़िर भी हम ख़ामोश है
अपना कर तेरे चुप्पी को
थामे अपना दिल हम बैठे है.
© LivingSpirit
तेरे ना आने की
मुझसे यूँ रूठे रहने की,
तू बता कैसे हम मनाए ख़ुद को
ख़ता अपनी क्या बताए ज़माने से
क्यों खोया हमने जो अजीज़ हमसे,
फ़िर भी हम ख़ामोश है
अपना कर तेरे चुप्पी को
थामे अपना दिल हम बैठे है.
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