बेज़ती
दूसरों की भीड़ में
बेज़ती करके लेते सब मज़ा।
कभी खुद का भी
अनादर करके तो देखो।
कटाक्ष खुद पर भी
तो छोड़ के देखो।
चलते फिरते मारते तुम
व्यंग यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ।
कभी खुद...
बेज़ती करके लेते सब मज़ा।
कभी खुद का भी
अनादर करके तो देखो।
कटाक्ष खुद पर भी
तो छोड़ के देखो।
चलते फिरते मारते तुम
व्यंग यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ।
कभी खुद...