विकृत समाज
कसम उस मुर्दा भगवान की एक चीज बेहद रुलाती थी मुझे बेहद डराती थी मुझे ...
किसी के ख्यालों का ,किसी के भावो का और किसी के जिस्म का तमाशा ,
जब आसान ना हुआ चरित्रहीनो को दूसरो को बेलिबाज...
किसी के ख्यालों का ,किसी के भावो का और किसी के जिस्म का तमाशा ,
जब आसान ना हुआ चरित्रहीनो को दूसरो को बेलिबाज...