चलते जाना है
ये रात तो थके पंछियों के आराम का बहाना है,
मंज़िल पाने तक तो सबको बस उड़ते ही जाना है.
चांद चमकता उनकी ख़ातिर जो ढूंढते ठिकाना हैं,
कुछ हैं परवा नहीं करते, उन्हें चांद को सुलाना है.
रात भी टिकती नहीं ज़मीं पे,...
मंज़िल पाने तक तो सबको बस उड़ते ही जाना है.
चांद चमकता उनकी ख़ातिर जो ढूंढते ठिकाना हैं,
कुछ हैं परवा नहीं करते, उन्हें चांद को सुलाना है.
रात भी टिकती नहीं ज़मीं पे,...