बस_यूँही
स्वप्न मुझसे अक़्सर पूछते हैं
तेरे यह क़दम अबलक से क्यूँ भाग रहे हैं,
कल तक थे जो साथ काफ़िले में
लोग कहाँ वो संग आज रहे हैं,
...
तेरे यह क़दम अबलक से क्यूँ भाग रहे हैं,
कल तक थे जो साथ काफ़िले में
लोग कहाँ वो संग आज रहे हैं,
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