खुबसूरत शाम
खुबसूरत सी एक शाम है
रंगो से फैली आसमान में
मन को रुझाने वाली जाम है
नशे सी लगती है कभी
ये रंगो से भरी आसमान
जहां भी देखूं दिखती है
बस खुशियों का जहान है
उड़ते पंछी की शान में
ढूंढती है नज़रे मेरी
सुकून के पल और चहरे पर मेरी मुस्कान है
© Aaliya
रंगो से फैली आसमान में
मन को रुझाने वाली जाम है
नशे सी लगती है कभी
ये रंगो से भरी आसमान
जहां भी देखूं दिखती है
बस खुशियों का जहान है
उड़ते पंछी की शान में
ढूंढती है नज़रे मेरी
सुकून के पल और चहरे पर मेरी मुस्कान है
© Aaliya