चंद मुक्ते
बेशक तुम्हें हम पा ना सके
दिल में तुम्हें तो बिठाया है
चाहे तुम अपना ना कहो
तुमको नहीं माना पराया है
उठा लेती है आंखें दर्द पूरा
लगा देती है अश्कों की झड़ी
बेमौत ही मर जाते हैं इश्क में
यारों घड़ी दर घड़ी
तुम्हें अपना बनाने की जद्दोजहद में
कितने अपने पराए हो गए
तुम भी...
दिल में तुम्हें तो बिठाया है
चाहे तुम अपना ना कहो
तुमको नहीं माना पराया है
उठा लेती है आंखें दर्द पूरा
लगा देती है अश्कों की झड़ी
बेमौत ही मर जाते हैं इश्क में
यारों घड़ी दर घड़ी
तुम्हें अपना बनाने की जद्दोजहद में
कितने अपने पराए हो गए
तुम भी...