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तेरे बगैर…❤️
यार तेरे बगैर अभी तक मेरा दिल नहीं लगता!
मगर तू मुझे मेरी ज़िंदगी में शामिल नहीं लगता !!
लम्हा लम्हा गुजारा है तुझे याद करते हुए मैंने ! तेरे बावजूद मैं तेरी चाहत के काबिल नहीं लगती!!
हजारों मिन्नतें की, मंदिरों ओ' मजारों में जाकर !
किसी भी तरह से मुझे तू अब हासिल नहीं लगता!!
दम तोड़ देंगी ख्वाहिशें' तेरी चौखट पे इक रोज़ ! जहां में होता हुआ इश्क मेरा कामिल नहीं लगता!!
डूब जाते है अक्सर मेरे जैसे तैराक किनारों पर ! होगा यहां भी गहरा, दरिया का साहिल नहीं लगता!!
तूने घोंपा है खंजर अरमानों के जिगर में हर दफा ! मेरा बड़प्पन देख तू फिर भी कातिल नहीं लगता!!
ये ध्यान रखना कि मोहब्बत को तरस जाओगे! कोई और "Ps " को अपने मुक़ाबिल नहीं लगता !!
~P.s
मगर तू मुझे मेरी ज़िंदगी में शामिल नहीं लगता !!
लम्हा लम्हा गुजारा है तुझे याद करते हुए मैंने ! तेरे बावजूद मैं तेरी चाहत के काबिल नहीं लगती!!
हजारों मिन्नतें की, मंदिरों ओ' मजारों में जाकर !
किसी भी तरह से मुझे तू अब हासिल नहीं लगता!!
दम तोड़ देंगी ख्वाहिशें' तेरी चौखट पे इक रोज़ ! जहां में होता हुआ इश्क मेरा कामिल नहीं लगता!!
डूब जाते है अक्सर मेरे जैसे तैराक किनारों पर ! होगा यहां भी गहरा, दरिया का साहिल नहीं लगता!!
तूने घोंपा है खंजर अरमानों के जिगर में हर दफा ! मेरा बड़प्पन देख तू फिर भी कातिल नहीं लगता!!
ये ध्यान रखना कि मोहब्बत को तरस जाओगे! कोई और "Ps " को अपने मुक़ाबिल नहीं लगता !!
~P.s
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