बरसात,,,,
आज फिर से लगी है सावन की वो झड़ी। भीगा भीगा सा है सारा जहां,,,,, बारिश में ऐसी तो कुछ बात होती ही है। भावनाए सबकी उभर आती हैं जहां,,,, कोई खुशी से झूमता है भीग कर नाचता है तन मन दोनों जहां,,,,,,, कोई भीग कर जलता है यादों के आंसुओ में। पानी में दिखता है धुआ जहां,,,,,,,,,,, बरसात के मौसम में हम खुद को जानते है। क्या वो वहीं बरसात है खुश होते हम...