...

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शीर्षक- रावण
मन के कोने- कोने में बसे,
अहंकार को दूर भगाएँ।
राम नाम का भजन करें व
विचारों में पवित्रता लाएँ।
मन के अंदर के रावण को जलाएँ।

रोम- रोम में सत्य बसाएँ,
समस्त दुर्गुणों को जलाएँ।
कभी मर्यादाओं को न तोड़े ,
माता- पिता का साथ न छोड़े,
मानव का जो जन्म मिला हमें
हम इस जन्म को सार्थक बनाये।
मन के अंदर के रावण को जलाएँ।

विजयदशमी सार्थक तब होगी,
जब हम विजय करेगें मन पर।
बुरे कर्मों का त्याग करें व
करें नियंत्रण आचरणों पर।
जग बदलेगा जब हम बदलेंगे,
इस विचार को मन में उपजाएँ।
मन के अंदर के रावण को जलाएँ।
रिया दुबे




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