...

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गुरु नमन
गुरु की महिमा न्यारी है,

सात द्वीप नौ खंड में ,

सबसे प्यारी है।

शिष्यों की नैया पार लगा दे,

गुरु ज्ञान की सवारी है।



शिक्षा, सद्गुण, ज्ञान का सितारा है,

गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु गुरु ही प्रभु हमारा

है,

सदा उचित मार्ग दिखाने वाला ,

गुरु सद वयोहारी है।

शिश्यों की नैय्या पार लगा दे,

गुरु ज्ञान की सवारी है।



कलयुगी हवा कुछ ऐसी बह निकली,

गुरु की दुर्दर्शा न छुपने वाली है,

जिसका औहदा सबसे श्रेष्ठ होना चाहिए था,

उसके पल्ले आई कंगाली है।


शिष्य भी अब वो शिष्टाचार भूल चुके हैं,

गुरु आज भी ज्ञान की पिटारी है।


फिर ज़िंदगी तो ख़ुद ना थकने, ना रुकने वाली गुरु है,

नित नये सबक सिखाती,

सुख दुख से भरी आलमारी है।


ख़िज़ा करती है नमन अपने सब गुरुओं को 🙏

पाठशाला हो या ज़िंदगी,

तहे दिल से आभारी है।💐
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© Haniya kaur