...

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सताया ना करो
करते हो इश्क़ हमसे तो इकरार करो
बेशकीमती मुहब्बत को छुपाया ना करो।

छोड़कर जाओगे तो पछ्ताओ बहुत
हाथ हमारा छोड़कर दूर जाया ना करो।

शौक है तुम्हें खतरों से खेलने का
हमें बीच भँवर में डूबोंकर जाया ना करो।

हर शख्स यहाँ धोखे का मारा है,
अपने जख्म बार बार हमें बताया ना करो।

हर कोई चाहता है दीदार-ए-चाँद,
रात में तुम नकाब उठाया ना करो।

आएं थे अकेले और जाएंगे भी अकेले,
अकेलेपन का एहसास दिलाया ना करो।
रीतेश क्रिश्चियन
© चाँद