...

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परिवर्तन
पल पल से कल आगया है, थोड़े थोड़े से एक बहुत हुआ है
कोई चाह नही हो वो,तो किसी को "वो" होने का प्रतिक्षा है
समय का ही नाम वो दूसरा, जो उसका ही सफरसाथी है
बिना इसके दुनिया अस्तित्वहिं, जैसे दिये के तेल,बत्ती है

सोचे इतना कोई नही, होना इनका अति आवश्यक है
जिसपर अपमत जीवन सवार, उन्हें इससे बड़ी नफ़रत है
हर पल,हर कोई,बदलाव का...