//अंदर का शोर//
//अंदर का शोर//
मेरे दिल के अंदर जानें अब ये कैसा शोर है,
जो बनता सदा अब वो ही अहद ख़लिश है!
बेपीर बेइंतेहा सा सैलाब बनकर करता शोर है,
कल्ब को दर्द हरदम देता वो बनकर ख़लिश है!
हर शब रूह को बेचैन करता मुझकों वो...
मेरे दिल के अंदर जानें अब ये कैसा शोर है,
जो बनता सदा अब वो ही अहद ख़लिश है!
बेपीर बेइंतेहा सा सैलाब बनकर करता शोर है,
कल्ब को दर्द हरदम देता वो बनकर ख़लिश है!
हर शब रूह को बेचैन करता मुझकों वो...