#इन्त्जार
रहता है उस दिन का हरदम इन्तजार
कब आएगी पटरी पर ज़िन्दगी अब यार
होता नहीं सबर अब मुझसे,
अर्थ निकलता नहीं इस जीवन का,
लगने लगी है हर चीज बेकार
सोचती रहती हूँ यही हरदम
कब आएगी पटरी पर ज़िन्दगी अब यार!
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कब आएगी पटरी पर ज़िन्दगी अब यार
होता नहीं सबर अब मुझसे,
अर्थ निकलता नहीं इस जीवन का,
लगने लगी है हर चीज बेकार
सोचती रहती हूँ यही हरदम
कब आएगी पटरी पर ज़िन्दगी अब यार!
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