![...](https://api.writco.in/assets/images/post/user/poem/278220208021003910.webp)
3 views
“हादसे, मेरे साथ भी हो"
मेरे पास तो हादसे भी नहीं,
मैं क्या लिखूं,,
और
किसके लिए,लिखूं,,
सिर्फ मंजिल का, हासिल करना,
तो मतलब नहीं मेरा,
मैं चाहता हूं कि,
हादसे मेरे साथ भी हो,,
खाक डालिएगा, मुझ पर तभी,
जब आंखें, बंद भी हो,
और कुछ कह भी दे,,
यानी मंजिल तो, मिल गई मुझे,
हादसे आसमां से तो लिखे,
जमीन पे शायद, वह भी गए....
© #Kapilsaini
मैं क्या लिखूं,,
और
किसके लिए,लिखूं,,
सिर्फ मंजिल का, हासिल करना,
तो मतलब नहीं मेरा,
मैं चाहता हूं कि,
हादसे मेरे साथ भी हो,,
खाक डालिएगा, मुझ पर तभी,
जब आंखें, बंद भी हो,
और कुछ कह भी दे,,
यानी मंजिल तो, मिल गई मुझे,
हादसे आसमां से तो लिखे,
जमीन पे शायद, वह भी गए....
© #Kapilsaini
Related Stories
14 Likes
5
Comments
14 Likes
5
Comments