लम्हे इंतज़ार के
इक-इक पल सदियों से लगें, लम्हे इंतज़ार के,
तुम दूर क्या गए,संग लें गए ये मौसम बहार के।
तुमसे से ही तो थी, मेरी ज़िन्दगी में सारी रौनकें,
दिल की फज़ा में गूँजते है अब पंछी सोगवार के।
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तुम दूर क्या गए,संग लें गए ये मौसम बहार के।
तुमसे से ही तो थी, मेरी ज़िन्दगी में सारी रौनकें,
दिल की फज़ा में गूँजते है अब पंछी सोगवार के।
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