...

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इश्क जैसा रोग पुराना है साहब।
ये इश्क जैसा रोग पुराना है साहब,
एक धूंध की सफेद चादर लिपट गई है सीने से
मानो जैसे गुलजार यादें मेरे आंचल से लिपट कर मेरी जुबां पर पनाह ले रही हो।
रोम रोम में बस रही...