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शिक्षक दिवस

हमारी अज्ञानता की गहराई खंगाल लेते हैं।
हमारी नादानियों को समझकर नई चाल देते हैं।
लाख चाहे कोई उपकार चुका नहीं सकता।
जो मन से अज्ञान का अंधकार मिटाते हैं, उन्हें हम शुरू कहते हैं।

दुसरों का जीवन सरल बना जो खुश रहे। भगवान उन्हें ही गुरु की काया में ढाल देते हैं।
बचपन से माँ-बाप और बड़े होकर शिक्षक ।
यही है जो नेकी कर दरिया में डाल देते हैं।

शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!