...

1 views

टेडीबडी
टेडीबडी
तुम्हें याद है, वे अनोखी शाम
जब छोड़कर सब काम
लंबी ड्राइव पर जाते थे
तब शाम को कार में ही
राम लड्डू खाते थे

टेडीबडी
तुम्हें याद तो होंगे
वे गोलगप्पे
जिनको खाने जाते थे
कई दिनों बाद

टेडीबडी
तुम्हें वो आइसक्रीम तो याद
आ ही जायेगी
जब तुम उन्हीं सुनसान सड़कों पर जाओगी
वही पर अब भी देखना
आइसक्रीम की ठेली मिल जायेगी
उसी रहड़ी पर
मैंने भी ना
तुम्हारे गालों पर आइसक्रीम लगा कर
आइसक्रीम के बहाने, चूम लिया था तुम्हें

टेडीबडी
कैसे भूल सकती हो वही झील का किनारा
सारी दुनिया से दूर
शांत सा पानी और उस पर तैरते
बतख के जोड़े
जहां हमने कई सपने
हाथों में हाथ जोड़े
वे ख्वाब वहीं छोड़े

टेडीबडी
कई बार मेले में
हम घूमे साथ साथ लेकिन जैसे
बिल्कुल अकेले
तुम बचती फिरती थी
दुनिया की निगाहों से

टेडीबडी
वो रहड़ी याद है
उसके छोले भटूरे तुमने ही मुझे बताए थे
याद करो हमने बहुत बार साथ साथ खाए थे

टेडीबडी
तुम कैसे भूल सकती हो
बस का वह लंबा सफर
जिसका अंत तुम कभी नहीं होने देना चाहती थीं
उन दिनों बहुत चाहती थी

टेडीबडी
हो सकता है तुम्हें याद ना हो
उस रात जब पीड़ित थी फूड प्वाइजनिंग से
मैं दौड़ा चला आया था
बेहद जल्दी जल्दी

तुम्हारे साथ भी क्या क्या झमेले थे
कभी पैसों की किल्लत
कभी पुलिस का खौफ
कभी कभी बिल्कुल सूनापन
वे सब तो मैंने भी साथ झेले थे

टेडीबडी
वो मेरा चंपू पाना तुम्हारे लिए दुखदाई था
मुझे स्मार्ट बनाने के लिए
तुमने खूब यत्न किए
हमने भी अपने चेहरे पर
तुम्हारे कहने पर दाढ़ी के
कुछ बाल रख लिए

हम्मम्म

ना ना टेडीबडी तुम्हें अब क्यों याद होगा
वो सब तो तुमने बहुत पहले भोगा था
हां मुझे याद है
तुम्हें चंपू जैसे बिल्कुल भी पसंद नहीं थे लोग
वो दुख भरे दिन और वे सहमे सहमे पल, वह वियोग
अब जिंदगी में नहीं हैं
अब तो तुम बिलकुल बदल गई

टेडीबडी
जो जगह तुम्हारे बगल की जगह खाली थी
अब वह जगह नए नए मित्रों से भर गई
तुमने अब नए सपने बुन लिए
कुछ खास मित्र अपने लिए चुन लिए
लेकिन
टेडीबडी
अब तो तुम खुश हो ना

हे हे
टेडीबडी
तुम्हें अब कुछ भी याद नहीं

श्रीलाल जे एच आलोरिया
© All Rights Reserved