...

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इबादत...
रहमत हो तेरी गर, साथ तेरा,
मेरे ख़्वाबों में कामिल हो जाए,
दूर से ही सही,पर इस दिल को,
तुझे देखने का रुतबा हाँसिल हो जाए,
बेपनाह इश्क़ है,तेरी महफूज़
दस्तक औ ख़्वाब से दिल को मेरे,
सोचती हूं,क्या क़यामत हो गर
तू असल में मुझमें शामिल हो जाए,
बेहद मोहब्बत है दिल को तेरे
हसीन ख़्वाब औ हक़ीक़त से,
दुआ में हर पल रखती हूं तुझे
क्या पता रब का दस्तख़त हो और
तू भी मुझे पाने का आमिल हो जाए...
© Tarana 🎶