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जय माँ दुर्गा
नवरात्रो में मां दुर्गा ने नव-नव रूप धरे
हर रूपो की अपनी महिमा,
हम शब्दो में क्या कहे!
शैलपुत्री सर्वप्रथम हो तुम,
हिमराज की सुता हो तुम!
द्वितीया ब्रम्हचारिणी को तुम,
भक्तों के दुख निवारिणी को तुम!
चंद्रघटना तृतीया रूप तुम्हारा,
दूर कर अंधेरे को तूने,
किया ब्रम्हांड में उजियारा!!
चतुर्थ रूप तेरा कुष्माडा,
खुशिया भर जीवन को अब दे किनारा!!
पंचम तुम स्कंदमाता कहलाती,
कार्तिकेय संग तुम पूजी जाती!!
पष्टम कात्यायनी हो तुम,
कात्यां ऋषि सुता हो तुम!!
सप्तम रूप कालरात्रि है तेरा,
गर्क करे तू पापियों का बेड़ा!!
तेरा अष्टम रूप महागौरी का,
कुंदन सुमन कोमल नारी सा!!
नवन सिद्धि दात्री हो तुम,
सुख समृद्धि की देवी हो तुम!!
भक्तों की संकट हरनी,
मोक्ष प्राप्ति का साधन हो तुम!!
❤️जय माता दी❤️
पहली बार माता रानी पर कुछ लिखा है
आप लोग बताएं कैसा लिखा है!!
© hema singh __
हर रूपो की अपनी महिमा,
हम शब्दो में क्या कहे!
शैलपुत्री सर्वप्रथम हो तुम,
हिमराज की सुता हो तुम!
द्वितीया ब्रम्हचारिणी को तुम,
भक्तों के दुख निवारिणी को तुम!
चंद्रघटना तृतीया रूप तुम्हारा,
दूर कर अंधेरे को तूने,
किया ब्रम्हांड में उजियारा!!
चतुर्थ रूप तेरा कुष्माडा,
खुशिया भर जीवन को अब दे किनारा!!
पंचम तुम स्कंदमाता कहलाती,
कार्तिकेय संग तुम पूजी जाती!!
पष्टम कात्यायनी हो तुम,
कात्यां ऋषि सुता हो तुम!!
सप्तम रूप कालरात्रि है तेरा,
गर्क करे तू पापियों का बेड़ा!!
तेरा अष्टम रूप महागौरी का,
कुंदन सुमन कोमल नारी सा!!
नवन सिद्धि दात्री हो तुम,
सुख समृद्धि की देवी हो तुम!!
भक्तों की संकट हरनी,
मोक्ष प्राप्ति का साधन हो तुम!!
❤️जय माता दी❤️
पहली बार माता रानी पर कुछ लिखा है
आप लोग बताएं कैसा लिखा है!!
© hema singh __
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