...

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जीवन
चंचल है मन
कहीं रुकता ही नहीं
करता है गलतियाँ
पर सुन्ता ही नहीं
बुनता ही नहीं
खवाब जो जरूरी है
खवाब के बिना
तेरी जिंदगी अधूरी है
अपनाता है गलत
ठीक क्यों चुनता ही नहीं
चंचल है मन
कही रुकता ही नहीं।।
© RAHUL PANGHAL