संघर्ष
जीवन के संघर्षों में
नित्य पराजय के स्पर्शों में
अब एक मौन सा क्रंदन है
अब मंद होता प्राण स्पंदन है
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नित्य पराजय के स्पर्शों में
अब एक मौन सा क्रंदन है
अब मंद होता प्राण स्पंदन है
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