...

6 views

बेवफा
उजड़ गए गुलशन सारे
खिजां की मेहरबानी है
जिंदगी कशमकश में हैं
दिल को हैरानी है
जो हमारा नहीं पराया था
उसे हम पहचान क्यों न सके
जो जिंदगी के पहले मोड़ पर मुड़ गया
उससे हम अपना दामन बचा क्यों न सके
जिसको दिये हमने वफ़ा के पैगाम बहुत
वो बेवफा है ये मान क्यों न सके हम
जिसके वस्ल के लिए की दुआएं बहुत
वो ही हमारा दुश्मनी जानी है
ये जान क्यों न सके हम
© सरिता अग्रवाल