...

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जिंदगी का सफर
मैं जमीन पर लेटा हुआ था
कुछ लोग बैठ कर रो रहे थे
बस मुझे ले जाने की देरी थी
सब अपने घर को जाने वाले थे

मैं भी चुपचाप लेटा रहा
सबकी बातें सुनता रहा
हर कोई कुछ कह रहा था
न जाने कौन किसको दोष दे रहा था

हर किसी ने मेरी तारीफ की
हर किसी के लिए मैं अच्छा था
कुछ वक्त पहले की ही बात है
तु मुझसे कितना खफा था

लोगों का काफिला मेरे साथ था
हर किसी का मुझको सहारा था
जब जरूरत थी मुझको एक सहारे की
तब मैं सबके लिए आवारा था

सबकी आंखें नम हो रखी थी
ऐसे भला कौन रोता है
मुझे देखकर तुम कभी मुस्कुराये नहीं
लगता है यह बरसात का मौसम है

कुछ देर यह सब मेरे लिए खड़े रहे
सब अपनी अपनी बातें कहते रहे
सबने मेरे लिए ना जाने क्यों मौन रखा
जो अब तक मुझे न जाने क्या क्या कहते रहे
@darkshadewriter
#darkshadewriter