...

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दिल की राहें
उलझी उलझी दिल की राहें,
आ के क्यों सुलझाए ना ।
दिल की क्या खता है इसमें,
उलझन को कोई समझाए ना ।
राहें तुझ से होके गुजरे,
और तू दरस दिखाए ना।
उलझी उलझी दिल की राहें,
दरवाजे खिड़की सब बंद कर
दीवारों से दिल को घेरा और
तेरे नैनों ने जो बात कही वो सुन
अधर मेरे मुस्काए बिना रह पाए ना
सुलझि सी दिल की राहें ,
अब इनको उलझाए ना।।



© soulstorybyswati