जंग खाये ताले
एक ेलम्बे
अर्से से
मेरे जज्बातों
का पिटारा
आज तक बन्द
पढ़ा था
...
अर्से से
मेरे जज्बातों
का पिटारा
आज तक बन्द
पढ़ा था
...