...

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देश के गौरव
जिस पल सबने अपने मन में
आजादी का स्वप्न सजाया था ,
उस पल उन वीरों ने
अपना खून बहाया था।
जिस पल उन वीरों को
फांसी पर लटकाया था,
देश के हित में तिरंगा लहरा कर
उन वीरों को शीघ्र भुलाया था।
कइयों ने अपने बच्चे खोए
कई माताओं ने बेटो को गवाया था,
कुर्बानी उनकी भूल गए सब
सिर्फ वन्देमातरम गाया था।
ना कोई उन जैसा बहादुर है
ना अगले पल में आएगा ,
स्वतंत्रता दिवस तो पहले मनाया जाता था
अब तो बस त्योहार मनाया जायेगा।


© future writter✍️✍️ Neelam